हर रोज़ कोरोना की जाँच करने का दावा निकला फ़र्ज़ी कूड़े में फेक दी एंटीजन किट

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हर रोज़ कोरोना की जाँच करने का दावा निकला फ़र्ज़ी कूड़े में फेक दी एंटीजन किट
हर रोज़ कोरोना की जाँच करने का दावा निकला फ़र्ज़ी कूड़े में फेक दी एंटीजन किट

बरेली शहर में स्थित 300 बेड कोविड-19 हॉस्पिटल में कोरोना जाँच के लिए आये मरीजों के इस्तेमाल की जाने वाली सेकड़ो एंटीजन किट को कूड़े के ढेर में फेक दी गयी है। शुक्रवार को इसका विडिओ वायरल होने के बाद 300 बेड कोविड-19 हॉस्पिटल में को शासन द्वारा हर रोज़ 500 कोवीड टेस्ट किये जाने की रिपोर्ट पर अब स्वास्थ विभाग पर सवाल खड़े हो रहे है। वही इससे पहले भी 300 बेड कोविड-19 हॉस्पिटल में दो बार हज़ारो मरीजों के कोविड टेस्ट के सैम्पल्स जाँच में भेजने के बजाये उन्हें कूड़े के ढेर में डंप कर दिए गए थे।

हर रोज़ कोरोना की जाँच करने का दावा निकला फ़र्ज़ी कूड़े में फेक दी एंटीजन किट
हर रोज़ कोरोना की जाँच करने का दावा निकला फ़र्ज़ी कूड़े में फेक दी एंटीजन किट

बरेली 300 बेड कोविड-19 हॉस्पिटल में नगर निगम के कूड़े के ढेर में एंटीजन किट फ्लू कार्नर की ओर रखे हुए मिली है। जिससे एक बहुत बड़ी लापरवाही माना जा रहा है। इम्यूनोविक नामक इस कोविड एंटीजन किट पर एक्सपीरारी डेट मई 2023 की प्रिंट पड़ी हुई है।  जिसके अंतर्गत कूड़े के ढेर में लगभग दो दर्जन से अधिक एंटीजन किट प्राप्त हुई है।

वही हर पैकेट में लगभग 50 एंटीजन किट सीलपैकेड है। जिससे साफ़ जाहिर होता है कि इन सभी एंटीजन कीटस को बिना इस्तेमाल किये बिना इन्हे कूड़े के ढेर में फेक दिया गया है। इन सब के पीछे का मुख्य कारण यह है कि स्वास्थ विभाग बरेली शहर को बिलकुल कोरोना मुक्त दिखाना है। जिससे देख कर ऐसा प्रतीत होता है कि इसमें सिर्फ कागजो पर ही कोरोना के टेस्ट करना किया गया है। जिससे फर्जीवाड़ा साफ़ नज़र आ रहा है।

इम्यूनोविक नामक इस कोविड एंटीजन किट को साफ़ देखा जा सकता है कि वह उन्हें कूड़े के ढेर में फेक दिया गया है। जानकारी के चले की प्रतिदिन कोरोना से जूझ रहे मरीजों की एंटीजन किट जाँच की रिपोर्ट को स्वास्थ विभाग की तरफ से वह शासन को भेजने का कार्य करती है। जोकि तकरीनवन 500 से 600 तक की होती है। जिससे साफ़ प्रतीत होता है कि एंटीजन किट का सीरियल नंबर दर्ज कर जाँच की रिपोर्ट को शासन को भेजी जाती है।

वही सूत्रों के मुताबिक 300 बेड कोविड-19 हॉस्पिटल के स्टाफ से मिली जानकारी के अनुसार उन्हें इस बात की जानकारी होने से मन कर दिया है। कि एंटीजन किट को किस वजह से, कब, किसने और क्यों फेकी है। अगर आप वीडिओ देखेंगे तो उसमे आपको 300 बेड कोविड-19 हॉस्पिटल और फ्लू कॉर्नर आपको साफ़ नज़र आएगा

सीमाओ ने हटाया फोर्थ क्लास कर्मचारी और इलेक्ट्रीशियन को

वही इस मामले की जानकारी मिलते ही सीएमओ ने तत्काल प्रभाब से ही फोर्थ क्लास कर्मचारी और इलेक्ट्रीशियन को हटा कर उनकी जांच के आदेश दे दिए गए है। और इस मामले में मौके की जाँच में उन्हें कुछ कूड़े दान में और कुछ एंटीजन कीटस को बहार फेकि गयी थी। वही अब इस मामले में जाँच के आदेश दे दिए गए है। और दो कर्मचारियों को इस मामले में दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ करवाई की गयी है। वही एसीएमओ को इस जाँच की जिम्मेदारी को सौपा गया है और बताया गया है कि जो भी इस मामले में दोषी पाया जायेगा वह उनकी सेवाओं को समाप्त कर  जाएँगी ।

 दो बार हज़ारो मरीज़ो के सैंपल को बर्बाद करने के मामले में हो चुके है रफा-दफा

जानकारी के मुताबिक इससे पहले भी 300 बेड कोविड-19 हॉस्पिटल में दो बार कोरोना के के हज़ारो सैम्पल्स को बर्बाद करने के मामले में पहले भी सामने आ चुके है। वही माह अगस्त और सितम्बर में भी हज़ारो कोरोना के सैम्पल्स को डंप किये गए थे। जिसके बाद सोशल मीडिया पर फोटो वायरल होने के बाद सीएमओ के द्वारा जाँच के आदेश दे दिए गए थे। लेकिन जाँच से पहले ही वह से उन सैम्पल्स  दिए गए थे।

जिसके बाद जाँच करने पहुंची टीम को फ़र्ज़ी फोटो बता कर उनके द्वारा मामला को रफा दफा कर दिया। ठीक ऐसे ही 2021 में भी तकरीवन 10000 मरीजों के कोविड टेस्ट के सैम्पल्स डैम्प मिले थे।  वही विडिओ वायरल होने के बाद जिला अधिकारी द्वारा जाँच के निर्देश दिए गए है। वही एडीएम सिटी के द्वारा जाँच के बाद सीएमएस को आंशिक दोषी मानते हुए उन्होंने इस मामला को समाप्त कर दिया था

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