बरेली में ये नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा Did not see this in Bareilly didnot see: नमस्कार दोस्तों कैसे है आप सब आशा करता हु कि आप सब बहुत अच्छे होंगे। दोस्तों आज के इस लेख में मैं आपसे बात करने वाला हु कि बरेली में घूमने आये है और आपने बरेली में ये नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा(Did not see this in Bareilly didnot see anything)

मित्रो अगर आप शहर से जुडी ऐतिहासिक चीज़े देखने के इच्छुक है या फिर आपको थोड़ा सा भी इंटरेस्ट है, तो आज भले ही यह ऐतिहासिक इमारत खंडहर में बन चुकी हो लेकिन एक समय पर यह किला बड़े-बड़े योद्धाओ और शूरवीरो का महल हुआ करता था। जिसकी गाथा पुरे भारतवर्ष में सुनाई देती थी। साथी ही बताते चले कि ये वही स्थान है जहां पांडवों की पत्नी द्रोपति का जन्म हुआ था। और यहीं पर उनका स्वयंवर भी हुआ था।

बरेली शहर से लगभग 60 किलोमीटर दूर आंवला तहसील में स्थित ब्लॉक रामनगर में रामनगर का किला महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। वही कुछ लोग इसे अहिचित्र फोर्ट के नाम से भी विख्यात हैं। इतिहासकारों के माने तो उस समय यह स्थान उस दौरान पांचाल की राजधानी हुआ करती थी। आज के समय में ये एक दर्शनीय स्थल बन चूका है और तो और यहाँ आपको अनेको भगवन बुध के प्रतिमाएं व उनसे जुडी चीज़े आपको देखने को मिल जायेंगी।

वैसे तो में फनसिटी नाम के कई मनोरंजक पार्क हैं, लेकिन बरेली का फन सिटी पार्क उत्तर भारत में सबसे बड़ा पार्क माना जाता है।

यहाँ सभी आयु वर्ग के लोगों के लिये पार्क में मनोरंजन की भरपूर सुविधाएं उपलब्ध पूर्ण रूप से उपलब्ध है। इसलिए यह न सिर्फ बरेली वासियों के लिए बल्कि पर्यटकों के लिए भी आराम फरमाने और कुछ फुर्सत के पल बिताने के लिए लोकप्रिय जगह है। 

अनेको शहरों की तर्ज पर जनपद बरेली शहर में स्थित अक्षर बिहार पार्क को नगर निगम के द्वारा वर्ष 2021 में रेनोवेट किया गया। जिसके बाद से ही यहाँ स्थानीय व अन्य आसपास के जनपद के पर्यटक यहाँ घूमने के लिए आते रहते है।  अगर आप चाहे तो अपने किसी खास शुभ अवसर पर पार्टी को शानदार बनाने के लिए परिवार के साथ आप यहां जाएं।

यहाँ की सबसे खास बात ये है कि यहाँ आपको हरे-भरे सुव्यवस्थित गार्डन देखने को मिल जाते है साथ ही अगर आपके पास थोड़ा समय हो तो आप यहाँ शाम को लगभग प्रतिदिन ही म्यूजिक लेज़र फाउंटेन शो का भी लुफ्त उठा सकते है। जिसको देखने के बाद आपके चेहरे पर एक अलग ही ख़ुशी नज़र आएगी। आप चाहे तो यहाँ अपने या अपनी हार्ट शेप के साथ सेल्फी भी ले सकते है।

वही अगर आप थक गए है और आपको भूख भी लग रही यही तो आप यहके रेस्तरां में बैठ कर आराम व हल्का नाश्ता या फिर फॅमिली डिनर का भी आनंद ले सकते है। जानकारी के लिए बता दे कि डिनर करने वालो के लिए हट (झोपड़ी) का भी इंतज़ाम किया गया है।

बरेली शहर में स्थित रामगंगा गंगा नदी की लहरों के साथ डूबते हुए सूरज की रंग बिरंगी किरणों को देखने में जो आनंद प्राप्त होता है शायद ही वो कही और मिले। शाम के वक़्त स्थानीय पर्यटकों यहां भीड़ काफी ज्यादा बढ़ जाती है, बरेली का एक मात्र विशेष महत्व रखने वाला चौवारी का मेला इसी स्थान पर लगता है । जिसमे शामिल होने लोग काफी दूर दूर से आते है।

राम गंगा तट पर स्थित लगने वाला चौवारी का भी इसी स्थान पर लगता है। जनपद बरेली चौबारी मेला के कारण पूरे उत्तर प्रदेश में विख्यात है। यह ऐतिहासिक मेला हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन रामगंगा नदी के तट पर लगता है। यहाँ लोग काफी संख्या में आते है। इस दौरान बरेली के आसपास के सभी मुख्य शहरों और गांव से लोग इस मेले में रामगंगा में स्नान करने के साथ साथ अपना मनोरंजन करने के लिए यहाँ आते है।

यहां पर आपको विशाल झूला ,हैंडीक्राफ्ट वस्तुएं तथा घोड़े का बाजार देखने को मिल जाता है जिसमें लोग घोड़ों का व्यापार करने के लिए आते हैं। अगर आप दीपावली के वक़्त यहाँ आते है तो आप यहाँ घूमना और यहाँ की शाम देखना बिलकुल भी न भूले।

बरेली शहर से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित तुलसी मठ भारतीय साहित्य के प्रसिद्ध संत गोस्वामी तुलसीदास का घर माना जाता है। यहां आपको देखने को मिलेगा कि प्राचीन काल से ही महान ऋषि मुनियों, साधु संतों , और तपसियो का आना जाना यहाँ शुरू से ही लगा रहा है।

इस जगह स्थापित वीर हनुमान की प्रतिमा को 1570 ईसवी में तुलसीदास ने स्वयं अपने हाथों स्थापित किए थे। इसके बाद तमाम महात्माओं के आग्रह पर 15 करोड़ तुलसी पत्र में राम नाम लिखकर भागीरथी नदी की मिट्टी और पानी में मिलाकर तुलसीदास की एक बड़ी प्रतिमा की स्थापना की गई।