ऐतिहासिक अद्वितीयता: बरेली मार्किट का इतिहास 16वीं सदी में मुग़ल काल में जाता है, जब यह व्यापार और वाणिज्य का एक गुंजाइश भरा केंद्र था। 

चाट का आनंद: बरेली मार्किट एक खाने के शौकीन का स्वर्ग है। 'बरेली की चाट' का स्वाद जरूर चखें।

सुरमा बाजार: बरेली मार्किट का 'सुरमा बाजार' भारत के विभिन्न हिस्सों से लोगों को आकर्षित करने वाले पारंपरिक कोहल (सुरमा) के लिए मशहूर है। 

शाही दरवाजा: बाजार को मुघल वास्तुकला की बड़ी बड़ी रचना, शाही दरवाजा सजाता है, जो सदियों से इतिहास के संवादक बन चुका है। 

बरेली कॉलेज: उत्तर भारत के प्राचीन कॉलेजों में से एक, जिसका एक दार्शनिक इतिहास है और बहुत सारे प्रतिभाशाली लोगों को उत्पन्न किया है। 

घंटा घर घड़ी टावर: बरेली मार्किट के हृदय में एक प्रतीकात्मक घड़ी टावर खड़ा है, जिसमें ब्रिटिश शासक काल की स्मृति है, जो हमें गुज़िसा हुआ एक काल की याद दिलाता है। 

खिलौनों की बाजार: बरेली मार्किट में एक जीवंत खिलौनों का बाजार है, जहां पारंपरिक और हाथ से बने खिलौने मिलते हैं। 

मिठाइयों का गली: बाजार में 'मिठाइयों का गली' होती है, जो मिठाइयों और मिठास के प्रेमियों के लिए एक सपनों का दर्जा देती 

तितिक्षों की तारा: बरेली मार्किट के गहनों और ज्वेलरी के लिए भी मशहूर है, जो जटिल डिज़ाइन और शिल्पकला का प्रदर्शन करते हैं। 

कला की बढ़ती हुई चर्चा: बरेली मार्किट में हाल ही में कला के क्षेत्र में वृद्धि हुई है, लोकल कलाकार राष्ट्रीय मंच पर पहचन पा रहे हैं। 

जरी: यहां आपको अत्यंत और दुर्लभ हस्पतियों का पता चलेगा, जैसे कि मशहूर 'ज़री' काम और सुंदर हैंड-एम्ब्रॉयडर्ड वस्त्र। 

इत्रों की राजधानी: बरेली को 'भारत का इत्रों शहर' कहा जाता है, क्योंकि यह अनूठे सुगंधों की उत्पत्ति करता है।