बरेली में भी तैयार हो रही अयोध्या जैसी धर्मनगरी जानिए क्या क्या होग: नमस्कार दोस्तों कैसे है आप सब आशा करते है कि आज सभी बहुत अच्छे होंगे। बरेली में बीडीए रामगंगा नगर में ग्रीन रामायण वाटिका को विकसित कर रहा है। जोकि 22.8 करोड़ की लागत से 33 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में भव्य रामायण वाटिका बन रही है. जानिए और क्या क्या बनाया जा रहा है। बरेली के इस रामायण वाटिका के निर्माण के लिए डिजाइन और मैप तैयार को भी कर लिया गया है।
जहा पर आपको भगवान श्रीराम के वन में जाने से लेकर भगवान विष्णु के सभी अवतारों की विस्तृत जानकारी के लिए स्तंभ तैयार कर स्थापित किया जायेगा। वही रामायण वाटिका में उन सभी तरह के पौधों को भी रोपे जाएंगे, जिनके नीचे भगवान श्रीराम ने विश्राम किया था।
बरेली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री जोगेंद्र सिंह के मुताबिक रामगंगा नगर योजना में करीब 33 हजार वर्ग मीटर के क्षेत्रफल को रामायण वाटिका के तौर पर पार्क का विस्तार किए जाने का प्रस्ताव तैयार कर किया जा चूका है। जिसका मुख्य मकसद यह है कि हमारी आने वाली नई पीढ़ी धर्म, संस्कृति, पर्यावरण को करीब से जान सके।

रामायण वाटिका?
रामायण वाटिका पार्क हरित रामायण (ग्रीन रामायण) की संकल्पना पर आधारित है। जिसमे भगवान श्रीराम के वन जाने के समय जिन-जिन जगहों से से होकर गुजरे थे। और जहा जिन बृक्षों के नीचे उन्होंने विश्राम किया था, उन्हें भी स्थाम्बो के माध्यम से दर्शाया जाएगा। एक तरफ जहा रामायण वाटिका के निर्माण के लिए 22 करोड़ के एस्टीमेट को तैयार किया जा चूका है। वही इसके निर्माण के लिए टेंडर के लिए भी आमंत्रित किए जा रहे हैं।
आर्किटेक्ट अग्रवाल जी के अनुसार वाटिका में रामायण काल के पौधे रोपने के लिए हल्द्वानी वन रिसर्च सेंटर से जानकारी ली गई है। वही रामायण समेत अन्य ग्रंथों का अध्ययन किया गया है। कथावाचक और धर्म के जानकारों से भी संपर्क किया गया है। साथ ही ऑनलाइन वेबसाइट पर भी सर्च कर जानकारी को एकत्रित किया जा रहा है।
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प्रतिमाएं और प्रसंग भी होंगी प्रदर्शित?
सूत्रों के अनुसार इस अनोखी वाटिका में रामायण काल के पौधों के साथ ही, श्रीराम के जीवन से जुड़े प्रसंगों का भी वर्णन दीवारों पर उभारा जायेगा। जहा इनसे जुड़ी प्रतिमाएं भी स्थापित की जाएंगी, जिससे रामायण वाटिका में पहुंचने वाले लोगों को पौधों के साथ ही संबंधित प्रसंग की पूरी जानकारी हो प्राप्त हो सके। वही रामायण वाटिका में चित्रकूट, दंडकारण्य, पंचवटी, माता सबरी आश्रम, किष्किंधा, अशोक वाटिका, पम्पा सरोवर आदि को भी विकसित किया जायेगा। साथ ही दशावतार स्तंभ पर भगवान विष्णु के सभी दस अवतारों को प्रदर्शित किया जाएगा।
रामायण वाटिका में रौपे जायेंगे ये पौधे?
जानकारी के मुताबिक बरेली शहर में बन रहे रामायण वाटिका में अनोखे तरह के पौधों को रौपा जायेगा। जिसमे चित्रकूट में आम, ब्राह्मी, असना, नीम, बांस, दंडकारण्य में अर्जुन, सागौन, साल, पदल, बकली, महुआ, गौब, पंचवटी में अशोक, पीपल, बरगद, बेल, आंवला, किष्किंधा में रक्त चंदन, ढाक, कैथा, चंदन, अशोक वाटिका में सीता अशोक, नाग केसर, चंपा,मौलसिरी, द्रोणगिरी में म्रूथ संजीवनी के पौधे लगाए जायेंगे। साथ ही सौर ऊर्जा के उपयोग के लिए सोलर ट्री भी लगाया जाएगा। इसमें बच्चों के खेलने के लिए पार्क, ओपन एयर थिएटर, क्लॉक टॉवर की भी स्थापना होगी। बीडीए उपाध्यक्ष के मुताबिक पार्क पर्यटन के लिहाजा से विकसित होगा।
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