
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज़ पर बरेली में बनेगा नाथ कॉरिडोर मिलेगी नई पहचान, पर्यटन का केंद्र बनेगे सात शिव मंदिर (Nath Corridor will be built in Bareilly on the lines of Kashi Vishwanath Corridor, will get a new identity, seven Shiva temples will become the center of tourism): मित्रो वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम और मथुरा में प्रस्तावित बांके बिहारी कॉरिडोर के कायाकल्प के बाद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने झुमका और सुरमा से मशहूर बरेली शहर को भी जल्द ही नाथ कॉरिडोर के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है। जिससे बरेली शहर को नई पहचान मिलेगी।
जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा कहा गया है कि इन नाथ कॉरिडोर के चारों ओर छह लेन की सड़क मार्ग का विकास किया जाना चाहियें। साथ ही सर्किट के आसपास के लोगों को परिवहन सुविधा प्रदान करने के लिए इलेक्ट्रिक बसें/ई-रिक्शा तैनात किए जाने चाहिए।
ऐसा करने से पर्यटन के साथ ही लोगो के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। वही बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) के उपाध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल के साथ लखनऊ में मुख्यमंत्री के समक्ष परियोजना का प्रस्तुतीकरण दिया तो काम कराने के निर्देश दिए गए है। मुख्यमंत्री ने योगी आदित्यनाथ ने इस प्रस्तुतिकरण की सरहाना भी की साथ ही कहा मंदिर परिसर छेत्र में प्रस्तावित कार्यों डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कराकर पर्यटन विभाग को दे दी जाये।

बरेली शहर का विकास इस तरह विकास कराएं कि बरेली शहर के प्रवेश द्वार पर पहुंचते ही लोगों को नाथ नगरी में आगमन की अनुभूति हो सके। जिसमे पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ विकसित करें, सर्किट के भीतर शिव मंदिरों का जीर्णोद्धार करें, बरेली शहर में आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाओ का खासा ध्यान रखा जाये तथा भगवान भोलेनाथ की थीम पर क्रॉसिंग को सुशोभित करें। तथा सातों नाथ मंदिरों की परिक्रमा हेतु इलेक्ट्रिक वाहनों का संचालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।
बरेली नाथ कॉरिडोर?
बरेली शहर में स्थित सात प्राचीन नाथ मंदिरों अलखनाथ, मढ़ीनाथ, तपेश्वर नाथ, धोपेश्वर नाथ, पशुपति नाथ, वनखंडी नाथ, त्रिवटी नाथ को आपस में जोड़ते हुए नाथ कॉरिडोर का निर्माण किया जायेगा। वही इसके अंतर्गत आने वाले सभी प्रमुख चौराहों का विकास करने के साथ नाथ मंदिरों का सुंदरीकरण भी कराया जाएगा।
भगवान भोलेनाथ के विभिन्न रूपों के दर्शन कराएंगे भव्य प्रवेश द्वार?
बरेली शहर के नाथ मंदिरों के प्रवेश द्वारों का बेहद आकर्षक डिजाइन वीडीए वीसी ने सीएम योगी आदित्यनाथ जी के सामने प्रस्तुत किया। जिसके बाद उनके द्वारा कहा गया कि प्रथम चरण में अलखनाथ मंदिर और धोपेश्वर नाथ मंदिर के तक जाने वाली सड़क मार्ग के विकास के साथ ही दर्शनार्थियों के लिए बेंच, पेयजल, जूता-चप्पल रखने के लिए स्टैंड, पूजन सामग्री के स्टॉल, पार्किंग, स्ट्रीट लाइट, भंडारा स्थल, गायों को रखने के लिए शेड आदि बनाये जायेंगे। साथ ही अगर मंदिर परिसर में खाली भूमि पर पार्क को विकसित करेंगे।
तपेश्वर नाथ मदिर जाने वाला मार्ग का भी होगा चौड़ीकरण?
जानकारी के लिए बताते चले कि बरेली 7 नाथ मंदिरो में से एक मंदिर तपेश्वर नाथ मदिर की तरफ जाने वाले मार्ग का भी चौड़ीकरण बहुत ही जल्द शुरू कर दिया जायेगा। जिससे लोगो को आने जाने में असुविधा नहीं होगी।
त्रिवटीनाथ और अलखनाथ मदिर को जाने वाला मार्ग का भी होगा चौड़ीकरण?
जानकारी के लिए बताते चले कि बरेली 7 नाथ मंदिरो में से एक मंदिर त्रिवटीनाथ और अलखनाथ मदिर की तरफ जाने वाले मार्ग का भी चौड़ीकरण बहुत ही जल्द शुरू कर दिया जायेगा।
जाम से मिलेगी निजात, सरल होगा आवागमन?
बरेली शहर में प्रस्तावित 28 किलोमीटर लम्बे नाथ कॉरिडोर के विकसित होने से बरेली शहर की तस्वीर ही बदल जाएगी। जहा एक तरफ बरेली शहर नाथ कॉरिडोर के विकसित होगा वही दूसरी तरफ लोगो को गड्ढामुक्त सड़क मार्ग, लोगो के आवागमन के लिए 6 लेन का सड़क मार्ग होगा तो वही अतिक्रमण से भी निजात मिलेगी। जानकारी के लिए बता दे कि sattellight से हवाई हड्डा से होते हुए बड़ा बाईपास तक ये रोड पूरा फोर तो सिक्स लें में बदल जायेगा।
वही बरेली नाथ कॉरिडोर से पहले ही रिंग रोड भी मंजूर हो चूका है, जिसके अंतर्गत 1650 करोड़ की लगात से 32 किलोमीटर लबा रिंग रोड भी तैयार होना हो। जिससे शहर में यातायात का दबाव भी कम रहेगा। उत्तर प्रदेश सरकार का उद्देश्य 2024 से पहले कशी विश्वनाथ की तर्ज पर चमकाने की कोशिश है। जिससे बरेली शहर में बदलाब दिखना तय है।
बरेली में बनेगा रामगंगा रिवर फ्रंट?
वीडीए वीसी ने बताया कि 17 एकड़ में रामगंगा रिवर फ्रंट का निर्माण कराया जायेगा। जिसमें नाथ वाटिका का भी निर्माण कराया जायेगा। बदायूँ रोड पर राम गंगा नगर आवासीय योजना, नाथ धाम आवासीय योजना में विकसित हो रही रामायण वाटिका और मुख्य मार्गो का सौंदर्यकरण व चौड़ीकरण का भी प्रस्तुतीकरण किया गया है।
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