खुशखबरी बरेली से सफर करना होगा अब और आसान सुबह उड़ान भरिए शाम को घर लौट आइए

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bareilly airport खुशखबरी बरेली से सफर करना होगा अब और आसान सुबह उड़ान भरिए शाम को घर लौट आइए
bareilly airport खुशखबरी बरेली से सफर करना होगा अब और आसान सुबह उड़ान भरिए शाम को घर लौट आइए

खुशखबरी बरेली से सफर करना होगा अब और आसान सुबह उड़ान भरिए शाम को घर लौट आइए:बरेली से सफर करना होगा अब और आसान, सुबह उड़ान भरिए, शाम को घर लौटने की उम्मीद जल्द ही साकार होने वाली है। उड्डयन मंत्रालय के बरेली एयरपोर्ट पर पूर्व प्रस्तावित एप्रन निर्माण के लिए वर्क आर्डर जारी कर दिया गया है।

जानकारी के लिए बता दे कि दिल्ली की निर्माणदायी संस्था को मिली एप्रन निर्माण की जिम्मेदारी। जिसके बाद बरेली एयरपोर्ट पर तीन एयरबस खड़ी हो सकेंगी। वही 17 करोड़ की लागत से बनने वाले इस एप्रन के निर्माण कार्य की समय सीमा मार्च 2023 तक तय की गयी है। जिसके बाद से बरेली से घरेलू उड़ानें बढ़ने की संभावना बहुत बढ़ गयी है। साथ ही लेटलतीफी पर अंकुश लगने और एयर ट्रैफिक बढ़ने की भी उम्मीद अफसर जाता रहे।

जानकारी के लिए बताते चले कि पिछले साल प्रदेश के तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री श्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने उद्यमियों और व्यापारियों से प्राप्त सुझावों के आधार पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात कर बरेली एयरपोर्ट पर अन्य एक और फ्लाइट खड़े होने के लिए एप्रन के विस्तार का प्रस्ताव रखा था। जिसके बाद प्रस्ताव मंजूर होने के उपरान्त एप्रन के निर्माण की बहुत अधिक संभावनाएं बढ़ गयी, जिसके पश्चात इसकी उपलब्धियों से सम्बंधित आदि कि रिपोर्ट तैयार की गई।

वही कुमाऊं गेटवे के तौर पर पहचान बना चुके बरेली एयरपोर्ट से पर्यटन के साथ ही बरेली में विकास की संभावनाओं की उम्मीद भी जताई जा रही है। जिसके बाद से बरेली एयरपोर्ट पर एक से अधिक फ्लाइट खड़े होने के लिए विस्तार का खाका तैयार किया  जा चूका है।

बरेली के एयरपोर्ट डायरेक्टर आरएस कनोज के अनुसार एप्रन के निर्माण कार्य के लिए सभी औपचारिकता पूरी की जा चुकी है। जिसका निर्माण कार्य 17 करोड़ की लागत से होगा और इसका वर्क ऑर्डर भी जारी कर दिया गया है। इसका कार्य दिल्ली की निर्माणदायी संस्था को निर्माण कार्य को वित्तीय वर्ष 2022-23 में पूरा करने की समयसीमा तय की गई है। ऐसा करने के बाद एप्रन के निर्माण पूरा होने के बाद घरेलू उड़ाने बढ़ने की भी संभावनाएं हैं।

बरेली आ सकेंगे उद्योग पति और राजनीतिज्ञ विकास की बढ़ेंगी उम्मीदें?

बरेली के एयरपोर्ट का विस्तार होने के पश्चात बड़े उद्योगपति अपने निज विमान से, व राजनीतिज्ञों का बरेली में आना-जाना भी आसान हो जाएगा। जिसके फलस्वरूप जनपद बरेली में काफी टाइम से बंद पड़ी सीबीगंज की आईटीआर फैक्टरी की जमीन पर आईटी पार्क, बरेली के रहपुरा जागीर में टेक्सटाइल पार्क, बरेली के बहेड़ी छेत्र में मेगा फूड पार्क और अन्य प्रस्तावित बड़े उद्योगो को स्थापित करने की कवायद शुरू हो चुकी है।

जानकरी के लिए बता दे अभी हाल-फिल-हाल में ही में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में करीब 14 सौ करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट को शासन द्वारा मंजूरी दी जा चुकी है। जिसके अन्तर्गत इसमें शामिल पांच सितारा होटल के साथ ही, फूड प्रोसेसिंग इंक्यूबेशन सेंटर, डिस्टलरी समेत अन्य उद्योगों पर शासन द्वारा मुहर लगा दी गयी है।

बरेली से नजदीकी घरेलू उड़ानों की बढ़ेगी तादाद?

जनपद बरेली से दिल्ली, मुंबई, बंगलूरू के लिए अभी बरेली से सुबह उड़ान शुरू नहीं हो रही है। लेकिन एप्रन न होने की वजह से इन बड़े महागनरों से फ्लाइटस सुबह बरेली आती हैं। जिसके बाद वह दोपहर में यात्रियों को लेकर वापस अपने गंतव्य स्थान के लिए रवाना हो जाती है। ऐसे से बरेली से सुबह के वक़्त में फ्लाइट न होने की वजह से यात्रियों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है।

लेकिन प्रस्तावित एप्रन के निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यहाँ एयरबस, एटीआर बरेली एयरपोर्ट पर रात में खड़े हो सकेंगे।जिससे बरेली से सुबह उड़ान भरकर शाम को यात्री अपने घर लौट सकते हैं। सूत्रों के अनुसार सुबह उड़ान भरकर बरेली आने के लिए नजदीकी एयरपोर्ट से ज्यादा सुलभता होने की उम्मीद है। ऐसे में बरेली से वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, लखनऊ आदि के लिए भी जल्द ही उड़ान शुरू करने की कवायद तेज़ हो सकती है।

एयरलाइन कंपनियों पर बढ़ेगा क्रू का खर्चा?

एयरलाइन प्रतिनिधि के मुताबिक बरेली में रात के वक़्त में एयरबस खड़ी होने पर एयरलाइन कंपनियों का भार और बढ जायेगा या सीधी भाषा में कहे तो एयरलाइन कम्पनीनियो पर क्रू मेंबर का अतरिक्त खर्चा बढ़ेगा। चूँकि क्रू मेंबर में पायलट, को पायलट, एयर होस्टेस, क्लिनिंग स्टाफ समेत अन्य तकनीकी स्टाफ होते है। जिनके ठहरने का अतिरिक्त खर्च बढ़ना तय है।

ऐसे में अगर एयर ट्रैफिक नियमित 80 फीसदी से ज्यादा होगा तो ही कंपनियों द्वारा रात में रुकने का निर्णय लिए जाने की उम्मीद जताई जा रही है। फिलहाल अभी उनकी नज़र बरेली से उड़ान भरने वाले यात्रियों पर है। ऐसे में मुंबई, बेंगलूरू के लिए 90 फीसदी से ज्यादा और दिल्ली के लिए 80 फीसदी नियमित एयर ट्रैफिक मिल रहा है। बरेली से 180 सीटर एयरबस, 72 सीटर एटीआर उड़ान भर रहा है।

अब सिर्फ दिल्ली की निर्माणदायी संस्था को मिली एप्रन निर्माण की जिम्मेदारी को वह तयसमय में इसे कर पति है या नहीं।यह देखना अभी बाकी है

मित्रो आशा करता हु कि आपको ये लेख पसंद आएगा। मित्रो अगर इस लेख में मुझसे कोई त्रुटि हुई हो तो उसके लिए छमा कीजियेगा यह लेख मैंने अपने नॉलेज के अनुसार लिखा है। अगर आपको ये लेख पसंद आये तो कमेंट में अपनी विचार जरूर दीजिएगा।

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